श्रीनाथद्वारा राजस्थान के राजसमन्द जिले मै स्थित है। श्रीनाथद्वारा पुष्टिमार्गीय वैष्‍णव सम्‍प्रदाय की प्रधान (प्रमुख) पीठ है। यहाँ नंदनंदन आनन्‍दकंद श्रीनाथजी का भव्‍य मन्‍दिर है जो करोडों वैष्‍णवो की आस्‍था का प्रमुख स्‍थल है, प्रतिवर्ष यहाँ देश-विदेश से लाखों वैष्‍णव श्रृद्धालु आते हैं जो यहाँ के प्रमुख उत्‍सवों का आनन्‍द उठा भावविभोर हो जाते हैं।

Near Tourist Places / आसपास के दर्शनीय स्थान

1 श्रीविट्ठलनाथजी का मन्दिर एवं श्रीहरिरायमहाप्रभुजी की बैठकजी (मन्दिर के निकट पुष्टिमार्ग की प्रथम पीठ)

2 श्रीवनमालीलालजी का मन्दिर एवं मीरा मन्दिर (मन्दिर के निकट)

3 श्रीनाथजी की गौशाला (नाथूवास में, मन्दिर से 2 किमी दूर)

4 लालबाग एवं संग्रहालय (मन्दिर का बाग, 2 किमी दूर, राष्‍ट्रीय राजमार्ग पर)

5 श्रीगणेश टेकरी (प्रकृति की गोद में सुरम्‍य स्‍थली, जहाँ गणेशजी का सुन्‍दर मन्दिर है साथ ही सुर्यास्‍त का अलौकिक नजारा देखा जा सकता है।)

6 रामभोला यहाँ प्रकृति की छटा देखते ही बनती है। वर्षाकाल में झरने इत्‍यादि अनुपम छटा बिखेरते हैं।

5 गणगौर बाग

6 बनास नदी

7 कछुवायी बाग

8 गिरीराज पर्वत एवं महेश टेकरी

9 श्रीवल्‍लभ आश्रम

10 नन्‍दसमन्‍द बाँध (नाथद्वारा से 12 किमी दूर खमनोर ग्राम में) श्रीनाथद्वारा एक विहंगम नयनाभिराम दृश्‍य इसे क्‍लिक करें

11 हरिरायजी की बैठक

12 रक्‍त तलाई (इसी मैदानी क्षेत्र में महाराणा प्रताप एवं मुगल सेना का युद्ध हुआ और इतना रक्‍त बहा कि इस स्‍थान ने तलाई का रूप ले लिया।)

13 हल्‍दीघाटी विश्‍व प्रसिद्ध रण स्‍थली जहाँ महाराणा प्रताप और अकबर के बीच युद्ध हुआ था।

14 बाघेरी का नाका (मचिन्द) वृहद पेयजल परियोजना के अर्न्‍तगत बनास नदी पर बनाया गया सुन्‍दर बाँध हे

15 कोठारिया का गढ

16 रकमगढ का छापर - यहाँ अंग्रेजों और तांत्‍या तोपे के बीच ऐतिहासिक युद्ध हुआ था।

17 आयता की धूणी, मचीन्‍द की धूणी, करधर बावजी, भ्रमराज की धूणी, शिशोदा भैरूजी, वाकेराव बावजी मन्दिर मचिन्द

18 जय भैरुनाँथ बावजी का मँन्दिर नाथदुरा से (15 किमी दुर) शिशोदा भागल मे है! शिशोदा मे हर तीन साल बाद जय भैरुनाथ शिशोदा जग महोत्सव होतो है हजारा ताँदाद लोगो आते है

19 श्रीद्वारिकाधीश का मन्दिर

20 राजसमन्‍द झील

21 नौचौकी पाल

22 दयालशाह का किला

23 गायत्री शक्ति पीठ

24 अणुव्रत विश्‍वभारती भवन

25 रामेश्‍वर महादेव मन्दिर

26 कुन्‍तेश्‍वर (फरारा) महादेव मन्दिर

27. कांकरोली (राजनगर या राजसमन्‍द 16 किमी दूरी पर)

28. श्रीचारभुजा का मन्दिर (मेवाड के प्रसिद्ध मन्दिरों एवं मेवाड के चारधाम में से एक मन्दिर गढबोर ग्राम में नाथद्वारा से 65 किमी दूर)

29. श्री रोकडिया हनुमान जी का मन्दिर (गढबोर ग्राम के निकट)

30. श्रीरूपनारायण जी का मन्दिर (दूरी 77 किमी)

31. कुम्‍भलगढ (55 किमी दूर विश्‍व प्रसिद्ध अजेय किला जिसका परकोटा 36 किलोमीटर के दायरे मे फैला है। यहीं पर पास में वन्‍य जीव अभयानण्‍य भी है। प्रतिवर्ष हजारों देशी विदेशी पर्यटक यहाँ आते हैं।

32. परशुराम महादेव का मन्दिर (60 किमी दूर) भगवान परशुराम की तपस्‍या स्‍थली एवं महादेवजी का प्रसिद्ध मन्दिर

33. देलवाडा (22 किमी दूर) जैन मन्दिरों एवं पास ही नागदा ग्राम में सास बहु के मन्दिर दर्शनीय है।

34. श्री एकलिंगजी (कैलाशपुरी 28 किमी दूर) भगवान शिव का 8वीं शताब्‍दी का भव्‍य प्राचीन विश्‍व प्रसिद्ध मन्दिर एवु निकट ही बप्‍पा रावल पिकनिक स्‍थल

35. उदयपुर झीलों की नगरी और राजस्‍थान का कश्‍मीर (48 किमी दूर)1 राजमहल 2 जगदीश मन्दिर 3 पिछोला झील 4 लेक पेलेस 5 गुलाब बाग (वन्‍य जीव शाला) दूध तलाई 7 फतेहसागर झील 8 सौर वेधशाला (Solar Observatory) 9 मोती मगरी 10 नीमचमाता का मन्दिर 11 सहेलियों की बाडी (दर्शनीय सुन्‍दर बगीचा) 12 लोक कला मण्‍डल (कठपूतली शो Puppet Show) 13 शिल्‍पग्राम (राजस्थानी लोक कलाओं के लिए दर्शनीय स्‍थल

36. जयसमन्‍द झील एशिया की मीठे पानी की सबसे बडी झीलों में से एक।